फलक (फेसबुक लघु कथाएं)
सबसे पहले फलक (फेसबुक लघु कथाएं) का धन्यवाद, जिसने इन कहानियों को आकार देने में बहुत सहायता की. पिछले कुछ समय से फ़लक (फेसबुक लघु कथाएँ) के मंच पर कहानियां लिख रहा हूँ. आज उन सभी कहानियों को साझा कर रहा हूँ. इन कहानियों का तानाबाना हमारी ज़िन्दगी के चारों ओर ही बुना गया है. एक कोशिश है अपने आस-पास के माहौल के भीतर झाँकने की. .. 1 . July 3 at 6:07pm रेड लाइट पर काले रंग क़ी लम्बी-सी कार आकर रुकी. कार क़ी पीछे क़ी सीट पर बैठा एक बच्चा आइसक्रीम खा रहा था. सड़क किनारे फुटपाथ से के एक बच्चा उतरा और कार क़ी खिड़की के पास खड़े हो उस बच्चे को देखने लगा. आइसक्रीम थोड़ी-सी ही बची थी. मम्मी कार का शीशा बंद करने लगी. तभी न जाने उस बच्चे के मन में क्या आया? बच्चे ने मम्मी का हाथ रोका और आइसक्रीम कार क़ी खिड़की से बाहर फेंक दी. वो बच्चा सड़क से आइसक्रीम उठा कर खाने लगा. बच्चे ने बच्चे के मन को समझ लिया लेकिन एक मां बच्चे का मन न समझ सकी... 2. J uly 16 at 11:17pm अभी दोनों ने साथ-साथ एक ही थाली में खाना खाया. दोनों ने अपने रिक्शे उठाये और विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन के गे