एक बार फिर कोशिश करके देख ले
ये कविता उन लोगों के लिए है जो अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए बहुत मेहनत करते है, लेकिन उस बिंदु पर आकर वो लोग निराश हो जाते है जब उनका लक्ष्य बिल्कुल उनके क़रीब होता है. एक ज़रा सी कोशिश उन्हें उनके लक्ष्य तक पहुंचा सकती है...
एक बार फिर कोशिश करके देख ले
शायद वो मिल जाये जिसकी तुझे है ख्वाहिश
एक बार फिर कोशिश करके देख ले
शायद वो मिल जाये जिसकी तुझे है ख्वाहिश
थोड़ा सा और भी खपकर देख ले
अभी मुट्ठी में है रेत, कोई फ़र्क़ नहीं
लक्ष्य यहीं पास में उसे तो भेद
जहाँ इतना ज़ोर लगाया
एक बार फिर कोशिश करके देख ले
बहुत लम्बा सफ़र तय किया है तूने
अब रास्ता बीच में छोड़ न देना
इतना नज़दीक पहुँच कर
आख़िर में यूँ हताश न होना
जो सपना देखा है तूने
उसे साकार भी तो करना है
मंज़िल पर पहुँच कर ही अब सांस लेनी है
जो की है मेहनत, उसका फल भी तो लेना है
क्या हुआ, जो पहले नहीं मिला
भविष्य के गर्भ में तो देख
वो लिखा हो क़िस्मत में तेरी
लेकिन उस से पहले एक बार फिर कोशिश करके देख ले
थोड़ा और भी खप कर देख ले
अभी मुट्ठी में है रेत, कोई फ़र्क़ नहीं
लक्ष्य यहीं पास में उसे तो भेद
जहाँ इतना ज़ोर लगाया
एक बार फिर कोशिश करके देख ले
बहुत लम्बा सफ़र तय किया है तूने
अब रास्ता बीच में छोड़ न देना
इतना नज़दीक पहुँच कर
आख़िर में यूँ हताश न होना
जो सपना देखा है तूने
उसे साकार भी तो करना है
मंज़िल पर पहुँच कर ही अब सांस लेनी है
जो की है मेहनत, उसका फल भी तो लेना है
क्या हुआ, जो पहले नहीं मिला
भविष्य के गर्भ में तो देख
वो लिखा हो क़िस्मत में तेरी
लेकिन उस से पहले एक बार फिर कोशिश करके देख ले
थोड़ा और भी खप कर देख ले
एक बार फिर कोशिश करके देख ले
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