वार्तालाप जिंदगी से ...

वार्तालाप जिंदगी से ...
आ बैठ जिंदगी मेरे संग
भर रही तू कैसे रंग?
मन की बातें करनी हैं तुझसे
आ कुछ हाल पुछले ले मुझसे
कितना सुख और दुःख मेरे हिस्से
आ बांतले  मुझसे मेरे किस्से
अनुभव मेरे कुछ खट्टे  कुछ मीठे हैं
कुछ सादे कुछ कसीले हैं
कुछ प्रश्न अभी भी हैं निरुतर
जानने हैं मुझे इनके उत्तर
क्या है मेरा इस रंगमंच पर निमित
सोच इसे मैं भी हूँ दंग
आ बैठ जिंदगी मरे संग
भर रही तू कैसे रंग................................

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