अतिक्रमण
अतिक्रमण
हल्ला मचा शहर में गुलदार आ गया,
चारों तरफ भय और आतंक छा गया.
सोचो ज़रा, क्यों शहर में गुलदार आ गया?
अतिक्रमण किसने किया,
ये सोचने का वक़त आ गया.
हल्ला मचा शहर में गुलदार आ गया.
उजाडोगे किसी का घर तो वो चुप न रहेगा
अपने घर की रक्षा को वो कुछ भी करेगा
ये मूक जानवर अपना आक्रोश प्रकट करतें हैं
तुम्हारा अपने घर में प्रवेश निषिद्ध करतें हैं.
तुम्हारे घर का विस्तार हमारे घर की कीमत पर
ये समझौता किसने किया हमे शक है नियत पर
अब दोबारा विचारने का समय आ गया.
हल्ला मचा शहर में गुलदार आ गया
हल्ला मचा शहर में गुलदार आ गया,
चारों तरफ भय और आतंक छा गया.
सोचो ज़रा, क्यों शहर में गुलदार आ गया?
अतिक्रमण किसने किया,
ये सोचने का वक़त आ गया.
हल्ला मचा शहर में गुलदार आ गया.
उजाडोगे किसी का घर तो वो चुप न रहेगा
अपने घर की रक्षा को वो कुछ भी करेगा
ये मूक जानवर अपना आक्रोश प्रकट करतें हैं
तुम्हारा अपने घर में प्रवेश निषिद्ध करतें हैं.
तुम्हारे घर का विस्तार हमारे घर की कीमत पर
ये समझौता किसने किया हमे शक है नियत पर
अब दोबारा विचारने का समय आ गया.
हल्ला मचा शहर में गुलदार आ गया
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